बीसवीं शताब्दी के दूसरे दशक का काल भारत के इतिहास में राजनैतिक आन्दोलन का संघर्षपूर्ण समय था। आजादी की बागडोर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हाथों में थी। सन् 1920 के असहयोग आन्दोलन में सम्पूर्ण भारत के सभी क्षेत्रों, समाजों एवं वर्गों की सक्रिय भागीदारी थी। गढ़वाली समाज की भी इस आन्दोलन में पूर्ण भागीदारी रही, उस समय अंग्रेजी हुकुम्मत थी। भारत सरकार छः माह दिल्ली एवं छः माह शिमला से कार्य करती थी। ऐसे वातावरण में शिमला शहर में चन्द प्रवासी गढ़वालियों के सफल प्रयासों से गढ़वाल सर्व हितैषिणी सभा का गठन रायसाहब पूरनमल की धर्मशाला में सन् 1923 में शिमला में किया गया। तत्कालीन आवश्यकता अनुसार सभा का प्रमुख उद्देश्य प्रवासी गढ़वालियों के आपसी संगठन एवं प्रगति हेतु प्रयास करना था। परन्तु सर्व हितैषिणी सभा मात्र दो-तीन वर्ष की सक्रियता से कार्य कर पाई तथा फिर एक लम्बे समय लगभग 8-9 वर्षों तक सुप्तावस्था में रही। इस बीच सभा को पुनर्जीवित करने के कई निष्फल प्रयास किए गए। 9 अगस्त, 1936 को पुनः सभा का चुनाव सम्पन्न होने से सभा की गतिविधियों में सक्रियता आई, किन्तु आपसी विवाद के कारण कुछ सदस्यों ने इस चुनाव को अम्बाला न्यायालय में चुनौती दी। 19 मई, 1938 को कोर्ट ने, 9 अगस्त, 1936 के चुनाव को वैध ठहराया। फलस्वरूप विचारों की भिन्नता के कारण सभा दो हिस्सों में विभाजित हुई। श्री आनन्द सिंह नेगी, आचार्य जोधसिंह रावत तथा श्री गोबिन्द राम चंदोला के नेतृत्व वाला हिस्सा गढ़वाल हितैषिणी सभा के नाम से जाना जाने लगा तथा दूसरा श्री गोकुल देव डोभाल के नेतृत्व वाला भाग गढ़वाल सर्व हितैषिणी सभा के नाम से ही चलता रहा किन्तु आपसी मतभेदों के कारण कुछ महीनों के भीतर ही टूट गया।
सन् 1938 में गढ़वाल हितैषिणी सभा की एक शाखा दिल्ली में स्थापित की गई। धीरे-धीरे सभा स्थाई रूप से दिल्ली से संचालित होने लगी क्योंकि अधिकतर सक्रिय सदस्य, भारत की राजधानी स्थाई रूप से दिल्ली आने पर दिल्ली में स्थानांतरित हो गए थे। शिमला में कुछ ही सदस्य रह गए थे। जिससे कुछ वर्षों तक ही सभा की शिमला शाखा सक्रिय रह पाई। दिल्ली आने पर सभा की गतिविधियों में सक्रियता आई जिसका एक मुख्य कारण गढ़वाल के प्रवासियों का यहां अधिक संख्या में होना भी था। अधिकतर लोग केन्द्रीय सरकार की सेवा में थे।
भागीरथी हाल (जो कि पूर्व में मात्र विवाह कार्यो के लिए ही प्रयोग हो पाता था) को साउंडप्रूफ, वातानुकूलित, चलचित्रपट, उत्कृष्ट किस्म के साउंड सिस्टम लगाकर तथा सौंदर्यकृत कर बहुउद्देश्यीय (Multi Purpose) विभिन्न क्रियाकलापों के लिये ऊपयुक्त बनाया, जिसमें संस्था की आय मे वृद्धि के साथ-साथ भवन के इस सभागार को समाज के विभिन्न क्षेत्रों मे कार्य करने वाले लोग उपयोग कर पा रहे हैं|
अलकनन्दा हाल, भवन कार्यालय व वैठक हाल का भी सौंदर्यकर्ण किया गया| सुरक्षा को ध्यान मे रखते हुए इन सभी स्थानों पर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए|
सेल वाला (रवि गुप्ता) जिसने कई बरसों से गढ़वाल भवन की दूसरी मंजिल मे जाने वाले रास्ते (सीढ़ियों) पर जबरन कब्जा कर रखा था, (उल्लेखनीय है कि गढ़वाल भवन के प्रथम तल को कब्जा मुक्त कराने हेतु कानूनी प्रक्रिया विभिन्न न्यायालयों मे चल रही हैं) उसको कब्जामुक्त करवाने के लिये कार्यकारिणी ने सेल वाले के खिलाफ एक आंदोलन प्रारम्भ किया जो कि एक जनअंदोलन मे परिवर्तित हुआ, फलस्वरूप सीढ़ियाँ कब्जामुक्त हुई व गढ़वाल भवन की द्वितीय मंजिल का रास्ता खुल गया, इस जनान्दोलन मे श्री गंभीर सिंह नेगी, श्री श्रीचंद सिंह कथैट, श्री चमन सिंह नेगी, श्री उदय राम ममगई (राठी) एवम श्री हुकम सिंह कंडारी जी को जेल जाना पड़ा, उनके विरुद्ध सेल वाले की तरफ से कोर्ट मे कानूनी कार्यवाही आज भी जारी है| हम अपने समाज से भी ईसी प्रकार के जज्बे की अपेक्षा रखते है|
अंदोलन के दौरान मंदिर मार्ग पुलिस एसएचओ की पक्षपात पूर्ण कार्यवाही को चुनौती देते हुए कार्यकारिणी ने प्रशासनिक हस्तक्षेप कराकर एसएचओ थाना मंदिरमार्ग को लाइन हाजिर करवाकर तबादला करवा दिया|
वीर चंदर सिंह गढ़वाली चौक से गढ़वाल भवन के प्रबेश द्वार तक लगभग 300 मीटर आर सी सी (R C C) रोड का निर्माण एनडीएमसी के श्री बी एस भाटी, सदस्य नई दिल्ली नगर पालिका परिषद के माध्यम से करवाया|
गढ़वाल भवन के सामने वाली सड़क पर एनडीएमसी से दो बिजली के खम्बे लगवाकर रोशनी का समुचित प्रवंध करवाया|
कार्यकारिणी के प्रयास से सेल वाले के कब्जे वाले हिस्से को एनडीएमसी से सील करवाया गया जो लगभग दो महीने सील रहने के बाद कोर्ट के आदेश पर डी सील हुआ (उल्लेखनीय है कि एनडीएमसी के वकील ने सेल वाले से मिलीभगत कर गलत तथ्य कोर्ट मे पेश कर डी-सील करवाया तथा गढ़वाल हितेषिणी सभा को इस मामले मे पार्टी नहीं बनाया गया|) एनडीएमसी मे लिखित रूप से मुहिम चलाने पर उक्त वकील को एनडीएमसी के पैनल से वर्खास्त करवाया गया|
सामाजिक समरसता व सबको साथ लेकर चलने का एक उत्कृस्ट उदाहरण हमारे समक्ष इस कार्यकारिणी के पूर्व अध्यक्ष (ग.हि.स.) वयोवृद्ध प॰ महिमा नन्द द्विवेदी से आग्रह कर आपसी सहमति द्वारा सभी लंबित मुकदमो को समाप्त करवाया| भविष्य मे भी समाज को जोड़ने के इन प्रयासों को जारी रखा जाएगा |
समस्त आजीवन सदस्यों को मताधिकार मिल सके, महासमिति के माध्यम से रू 100/- नवीनीकरण शुल्क समाप्त करवाया |
गढ़वाल क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमजोर अनेकों ब्यक्तियों के उपचार हेतु आर्थिक सहायता दी गई|
सामाजिक क्षेत्र मे काम कर रही उत्तराखंडी संस्थाओं को प्रोत्साहित करने के लिये उतकृष्ट कार्यो हेतु अनेक संस्थाओं को सहयोग राशि भी दी गई| गढ़वाल कि संस्कृति व कला को बढ़ावा देने के उदेश्य से गढ़वाली चलचित्र, कबी सम्मेलन तथा सांस्कृतिक कार्यकर्मों का आयोजन किया गया|
भवन कि सुरक्षा को मध्यनजर रखते हुए पूरे भवन परिसर मे सीसीटीवी कैमरे लगवाये गए|
श्री सिसोदिया जी से गढ़वाल भवन में एक कम्प्यूटर सेंटर के लिए कम्प्यूटर देने और भवन के रखरखाव के लिए कुछ राशी देने और साथ ही दिल्ली में गढ़वाली कुमाउनी भाषा एकेडमी खोलने के लिए एक लिखित मांग पत्र दिया गयाI
भारत सरकार एंव उत्तराखंड सरकार से पत्राचार के माध्यम से ऋषिकेश, कर्ण प्रयाग, देहारादून, उत्तरकाशी रेलमार्ग निर्माण, उत्तराखंड के सभी बस अड्डो पर सौचालय निर्माण तथा मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ योजना से गढ़वाल हितेषिणी सभा (पंजी॰) को जोड़ा गया|
उत्तराखंड क्षेत्र के दिल्ली एनसीआर मे निवास करने वाले मेधावी छात्रों को वर्ष 2016 मे सम्मानित किया गया|
गढ़वाल भवन मे अगस्त 2013 मे गढ़वाली कबी सम्मेलन का सफलता पूर्वक आयोजन किया गया|
नजफ़गढ की एक अन्य निर्भया को तीन बदमाशो ने मार डाला | सभा ने उत्तराखण्ड की बिभिन्न संस्थाओं के साथ मिलकर इस निरमम हत्याकांड दोषियों को सजा दिलाने हेतु संघर्ष किया | जिसका परिणाम यह निकला कि कोर्ट ने तीनों दोसियों को फांसी की सजा सुनाई | सभा ने निर्भया के परिवार को 21000/- रुपये का चेक दिया | सभा ने 10,000/- रुपये की सहयोग राशि गढ़वाल के जाने माने कवि श्री पी पी बहुगुणा को उनके इलाज़ के लिए दिये |
16-17 जून 2013 को उत्तराखण्ड खासकर केदारघाटी तथा उत्तरकाशी इत्यादि मे आई भीषण प्राकृतिक आपदा मे गढ़वाल हितैसणी सभा ने जिला रुद्रप्रयाग की केदार घाटी मे 9 ट्रकों की राहत सामग्री तथा उत्तरकाशी मे 2 ट्रकों की राहत सामग्री का वितरण किया | भवन मे शेष राहत सामग्री जो लगभग दो ट्रकों की थी, को उत्तरायणी सभा, दिल्ली को प्रभावित जनता मे वितरण हेतु दी गई | सभा द्वारा क्रॉस चैकों के माध्यम से कुल 2.65 लाख की नगद राशि वितरित की गयी | श्री अशोक सुपुत्र श्री नरायण सिंह, निवासी साँकरी, गुप्तकाशी जो एक शारीरिक अपंग है, को एक व्हील चेयर सभा द्वारा दान दी गई |
गढ़वाल हितैसणी सभा द्वारा 05/10/2014 को गढ़वाल भवन आँगन मे एक हैल्थ कैम्प का आयोजन किया गया जिसमे दिल्ली के सुप्रसिद्ध डाक्टरों ने भाग लिया | निशुल्क चिकित्सा जाँच शिविर हितैसणी सभा गढ़वाल भवन तथा जस्टिस गोपाल सिंह पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट, ए-10, नीति बाग, नई दिल्ली-110049 के सौजन्य से लगाया गया | भवन के सदस्यों, कर्मचारियों तथा आस-पास के नागरिकों ने शिविर मे निशुल्क जाँच करवाकर स्वास्थ लाभ उठाया |
गढ़वाल भवन को सेल वाले, रवि गुप्ता से खाली कराने के लिए न्यायिक, सामाजिक, राजनैतिक हर दबाब बनाने के लिए प्रयासरत रहना|
गढ़वाल हितेशीनी सभा के विरुद्ध अदालत मे चल रहे मुकदमों जो सभा के सदस्यों द्वारा अलग-अलग समय पर दायर किए गए हैं, को आपसी सहमति, सहयोग व सदभावना के साथ मुकदमों की विवेचना कर सुलझाने का प्रयास करना, इसके लिये वरिष्ठ सदष्यों व समाज के बुद्धिजीवि सदस्यों की एक कमेटी बनाई जाएगी|
उत्तराखंड के प्रतिभावन कलाकारों, साहित्यकारों एंव खिलाड़ियों के प्रोत्साहन हेतु भवन में कार्यक्रम करवाना तथा राज्य सरकार व केन्द्र सरकार द्वारा इनको मान सम्मान व आर्थिक सहायता दिलवाने का प्रयास करना|
उत्तराखण्ड समाज के मेधावी एंव प्रतिभाशाली छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित करना तथा आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को संस्था द्वारा एंव अन्य संस्थाओं का सहयोग लेकर सहायता प्रदान करने का प्रयास करना| भवन परिसर मे ऐसे छात्रों के लिए उच्च शिक्षा एंव कैरियर काऊँसिलिंग की समय-समय पर व्यवस्था करना|
गंभीर रोगों से पीड़ित जरूरतमंद गढ़वाल क्षेत्र के लोगों को हर सम्भव सहायता प्रदान करना तथा दूर दराज से रोगी के साथ आये तीमारदारों को भवन में ठहराने की निशुल्क नियमानुसार व्यवस्था करना|
भवन के समीप एल एंड डी ओ की खाली पड़ी जमीन को भवन को आबंटित करवाने के लिये केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार मे पुरजोर प्रयास करना|
छटपूजा की तरह उत्तरैनी पर्व का कार्यक्रम दिल्ली व भारत सरकार के सहयोग से पूरी दिल्ली एंव एनसीआर पूरे उत्साह से मनाना ताकि उत्तराखंड की संस्कृति को पहचान मिले और हमारे समाज मे भाईचारा बढ़े|
कॉर्पोरेट सैक्टर के कार्यक्रमों को भवन मे नियमानुसार आयोजित करवाना ताकि संस्था की आय मे बढ़ोतरी हो सके|
हितैषिणी सभा के कार्यकलापों मे महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना एंव उनको लघु तथा कुटीर उधोगों मे प्रशिक्षित करवाने हेतु भारत सरकार एंव दिल्ली सरकार से आग्रह करना, ताकि महिलाओं मे आत्मनिर्भरता बढ़े|
गरीब परिवार जिनकी बेटियों की शादी मे आर्थिक तंगी के चलते परेशानी आ रही हो उनकी हर संभव सहायता करना|
गढ़वाली, कुमाऊँनी एंव जौनसारी भासा व बोली को संभिधान की आठवीं सूची मे स्थान दिलाना|
असामयिक दैवीय आपदा के समय गढ़वाल हितैषिणी सभा द्वारा अपने सभी सदस्यों के सहयोग से पीड़ित परिवारों की तन मन धन से सहायता करना तथा अन्य संस्थाओं व संगठनो को भी इसके लिए प्रेरित करना|
युवा पीढ़ी को गढ़वाल हितैषिणी सभा से जोड़ने के लिए भरपूर प्रयास करना, शिक्षा के साथ-साथ खेलों के प्रति युवाओं की रुचि बढ़ाना व खेलो मे राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहूँचाने मे सहायता करना|
सभा मे वालिन्टीयर फॉरम का गठन करना और युवाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना|
सभा के आय के स्रोतों को बढ़ाने का प्रयत्न करना ताकि अपने दाइतों को निभाने मे फ़ंड बाधा न बन सके|
उत्तरखंडी अबिबाहित लड़के लड़कियों को अपनी वैब साइट के माध्यम से अपने योग्य बर बधु ढूढने के लिए (आपकी अपनी जिम्मेदारी पर) मुफ्त मे रजिस्ट्रेशन करवाने की सुबिधा देना|
दिल्ली मे स्थित उत्तराखण्ड की समस्त सामाजिक संस्थाओं को एक सूत्र मे पिरोने के लिए कार्यशालायें आयोजित करना|
निगमबोध घाट के अंतिम संस्कार वाली जगह पर स्वच्छता हेतु व अस्थि प्रवाह के लिए स्वच्छ जलधारा की व्यवस्था दिल्ली सरकार से करवाने का प्रयास करना|
उत्तराखण्ड सरकार एंव केंद्र सरकार से संपर्क कर क्षेत्रीय जन समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करना, पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकना, उत्तराखण्ड मे नियुक्तियों मे स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दिलवाना, कृषि तथा औधोंगिक क्षेत्रों को वढावा दिलवाना, शिक्षा, स्वास्थ, यातायात, पेयजल, विधुत के क्षेत्र मे दुत्र गति से सुधार करवाना, सड़कों का सुचारु रूप से निर्माण करवाना, वन संपदा की रक्षा करना, जम्मु कश्मीर की तर्ज पर उत्तराखण्ड को भी पर्यटक स्थल के रूप मे विकसित करवाना|
गढ़वाल भवन से अनाधिकृत कब्जा हटाये जाने पर भवन को नये सिरे से विधिवत बनवाने हेतु प्रयास किया जाएगा जिसमे वर्तमान आवश्यकताओं के आधार पर सभी संभव सुविधाओं को आधुनिक तरीके से उपलब्ध कराया जायेगा |
राज्य सरकार से ऋषिकेश मे एम्स के समीप एक धर्मशाला का निर्माण कराने का प्रयास किया जाएगा |
उत्तराखण्ड समाज के रहन-सहन, खान-पान, सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखने तथा प्रचार-प्रसार हेतु दो या तीन दिवसीय कौथिक का आयोजन करने का प्रयास किया जायेगा |
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